१. वृक्षाग्रवासी न च पक्षिराजः
त्रिनेत्रधारी न च शूलपाणिः।
त्वग् वस्त्रधारी न च सिद्धयोगी
जलं च बिभ्रन्न घटो न मेघः॥
अनुवादः -
पेड़ के ऊपर रहने वाला परन्तु पक्षिराज गरुड़ नहीं; तीन नेत्रों वाला है किन्तु हाथ में त्रिशूल धारण करने वाले शिव नहीं। छाल जैसी वस्त्र धारण किया है परन्तु सिद्धयोगी नहीं; जल को धारण करता हुआ न ही घड़ा और न ही मेघ है॥
उत्तरम्- नारिकेलफलम् (नारियल)
२. सीमन्तिनीषु का शान्ताः?
राजा कोऽभूत् गुणोत्तमः?
विद्वद्भिः का सदा वन्द्या?
अत्रैवोक्तं न बुध्यते॥
उत्तरम्- प्रथम- द्वितीय-तृतीय-चरणेषु प्रथमस्य वर्णस्य अन्तिमवर्णेन संयोगात् उत्तरं प्राप्यते।
अनुवादः -
नारियों में कौन शांत है? उत्तम गुण वाले राजा कौन हुआ? विद्वानों के द्वारा कौन सर्वदा वन्दनीय है? यहाँ ही उत्तर है, समझना नहीं है॥
उत्तर - प्रथम, द्वितीय और तृतीय चरणों में प्रथम वर्ण को अन्तिम वर्ण के साथ मिलाने पर उत्तर प्राप्त होगा।