Thursday, April 24, 2025

सुभाषितम्(NOBLE THOUGHTS)

 

अनागतं यः कुरुते स शोभते 

स शोच्यते यो न करोत्यनागतम्। 

अर्थात्,
            जो अनागत विपत्ति का उपाय करता है, वह सुखी होता है; जो अनागत विपत्ति का विचार ही नहीं करता वह कष्ट पाता है।

Meaning,
                 The one who finds a solution for an unpredictable problem becomes happy. The one who doesn't think about the disaster that hasn't occurred suffers in future. 

No comments:

Post a Comment

सुभाषितम्(NOBLE THOUGHTS)

 अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविनः। चत्वारि तस्य बर्धन्ते आयुर्विद्यायशोबलम्॥(महर्षि मनुः)  अर्थ  -               प्रतिदिन नियमितरूपसे गुरु...