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Thursday, July 31, 2025
NCERT SANSKRIT BHASHWATI Claas 11 Chapter - 2 सूक्तिसुधा
Monday, June 30, 2025
NCERT SANSKRIT BHASWATI CLASS -11 CHAPTER - 1 कुशल प्रशासनम्
Wednesday, April 16, 2025
NCERT SANSKRIT BHASWATI CLASS -11 CHAPTER -7 संगीतानुरागी सुब्बण्णः
सुब्बण्ण का संगीत में जो स्वाभाविकी इच्छा थी, वो एकदिन राजभवन में होनेवाली संगति से और अधिक दृढ हो गई। एक दिन पुराणिकशास्त्री पुत्र के साथ राजभवन में आ कर वहाँ अन्तःपुर की स्त्रीयों के सम्मुख पुराण की कथा आरम्भ करते हुए पहले अपने पुत्र से शुक्लाम्वरधर आदि श्लोकों को गवाया। यह देखकर वहाँ उपस्थित सभी जन प्रसन्न हुए। कुछ समय पश्चात् वहाँ आये हुए राजा पास वैठ कर पुराण सुनते हैं। पिता के समीप बैठा हुआ सुब्बण्ण पुराणप्रवचन आग्रह पूर्वक सुनते हुए ही मध्य में महाराजा को भी आश्चर्य सहित देख रहा था। महाराजा के सुन्दर मुख, मुख पर विशाल तिलक धारण किए हुए, उसमे भी विशाल गाल का शोभा बढ़ाने वाला दाढ़ी और मूँछ आदि सब कुछ उसका विस्मय का कारण था। राजा भी उस बालक को दो तीन बार देख कर यह बालक चतुर है - ऐसा सोचा। और पुराण समाप्त होने पर है शास्त्री! यह बालक क्या आपका पुत्र है? ऐसा पूछा। हाँ, महाप्रभु, ऐसा शास्त्री ने उत्तर दिया। फिर से विस्मयपूर्वक राजा बालक को सम्बोधित करके है वत्स! क्या आप भी पिता के जैसे पुरणप्रवचन करोगे? ऐसे पूछा। तब वह बालक - मैं पुराण प्रवचन नहीं करता हूँ। संगीत गाता हूँ यह कहा। तब राजा वोले - निश्चय । तो फिर तब तक (हम) एक संगीत सुनते हैं ऐसा कहा। तत्पश्चात ही सुब्बण्ण श्रीराघव दशरथात्मज इत्यादि श्लोकों को संगीत में गा कर सुनाया। उसके अन्त में वो पुनः कस्तूरीतिलक इत्यादि श्लोक भी मुझे स्मरण है ऐसा कहा।
महाराजा अत्यधिक सन्तुष्ट हुए। इस प्रकार आनन्दित होकर राजा पारितोषिक के रूप में बालक को पान सहित उत्तरीय वस्त्र देकर, हे बालक! तुम बुद्धिमान हो। उत्तम रूप से संगीत शिख कर अच्छी तरह गाने के लिए आप अभ्यास करो। इसे भी अधिक पारितोषिक हम आपको देंगे - ऐसा बालक को कहकर और पुनः शास्त्री जी को उद्देश्य कर, हे शास्त्री जी! पुत्र चतुर है , उसका शिक्षा अच्छे से कीजीए, प्रायः महाकुशल होंगे ऐसा कहा। इसके बाद शास्त्री और पुत्र अपने घर को लौट गए।
सुभाषितम्(NOBLE THOUGHTS)
अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविनः। चत्वारि तस्य बर्धन्ते आयुर्विद्यायशोबलम्॥(महर्षि मनुः) अर्थ - प्रतिदिन नियमितरूपसे गुरु...
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1. मुखम् - Face 2. कपालः - Skull 3. चिकूरः - Hair 4. कर्कराला - A curl of hair, ringlet 5. अलिकं - Forehead 6. कर्ण...
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हिन्दी अनुवाद - १) चरित्र का रक्षण यत्नपूर्वक करना चाहिए, धन तो आता और जाता है। क्योंकि धन से सम्पन्न होने वाला व्यक्ति यदि सदाचार से सम्पन्...
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श्रीरामचन्द्र ने जटाजुट धारण किये हुए और पेड़ के छाल के बने वस्त्र पहने हुए भरतजी को हाथ जोड़कर(नमस्कार करते हुए) , पृथिवी पर पड़ा...