Tuesday, April 30, 2024

सुभाषितम् (NOBLE THOUGHTS)

 विपत्तौ किं विषादेन संपत्तौ हर्षणेन किं

भवितव्यं भवत्येव कर्मणो गहना गतिः।
अर्थात्,
        विपन्नावस्था में दुःखी तथा संपदा में आनन्दित होना निष्प्रयोजन। जो होनेवाला है वो  होता ही है। कर्म का गति  दुर्वोध्य (समझना  कठीन) है।
 Meaning -  
          There is no need to be sad in troubles and happy in prosperity. It surely happens what is going to be. It is hard to understand the movement of Karma.

Monday, April 29, 2024

सुभाषितम् (NOBLE THOUGHT)

 अजीर्णे भेषजं वारि जीर्णे वारि बलप्रदम्

अमृतं भोजनार्धे तु भुक्तस्योपरि तद् विषम्।

अर्थात्,
   अजीर्ण में जल औषधि स्वरूप  है। खाद्य जीर्ण होने के बाद जल पीना बलदायक है। भोजन के मध्य अर्थात आधा भोजन करने के बाद जल पीना अमृत जैसा काम करता है। किन्तु भोजन करने के बाद तुरंत जल पीना विष सदृश है।
 
 Meaning -
          For indigestion, water works as medicine. Drinking water after digestion of food is energetic. Water works as nectar if it is taken during meal, but drinking water right after eating works like poison.

Thursday, April 25, 2024

उपहासगिर् (JOKES)

  

भ्राता पृच्छति राधिकाम्। कथय भगिनी, -

हस्ती कथं वृक्षात् अधः आगच्छति ?

राधिका वदति -

 पत्रस्योपरि उपविशत्येषा शरदृतवे च अपेक्षते।

Translation - Brother asks Radhika. Tell sister, -

              How does an elephant get down from a tree?

                   Radhika Tells -

             It sits on a leaf and waits for autumn.



Source: 101 NUTTY JOKES

Friday, April 19, 2024

सुभाषितम्(NOBLE THOUGHT)

 

अतीव बलहीनं ही लंघनं नैवकारयेत्।

ये गुणा लंघने प्रोक्तास्तेगुणा लघुभोजने॥

   अर्थात् -

            अत्यधिक दुर्बल व्यक्ति को निश्चय ही उपवास नहीं करनी चाहिए । क्योंकि निराहार (उपवास )  में जो गुण कहागया है, स्वल्प भोजन में वो गुण मिलते हैं॥  (अर्थात निराहार से व्यक्ति का वजन घटता है। इसलिए अत्यधिक बलहीन व्यक्ति को लघुभोजन करना चाहिए ,उपवास नहीं ॥) 

Meaning -

           The person who are too weak should not keep fasting. Because the qualities being told about fasting are found in small meals.  

Tuesday, April 16, 2024

सुभाषितम् (NOBLE THOUGHT)

 दूरे भीरुत्वमासन्ने शूरता महतोगुणः।

विपत्तौ हि महांल्लोके धीरत्वमधिगच्छति॥

  अर्थात् - 

        कोई भी विपत्ति आने की सम्भावना से लोगों के मन में भय रहता है। किन्तु विपत्ति का सम्मुखीन होते ही धैर्य अवलम्वनपूर्वक विक्रम(साहस) प्रदर्शन करना महान् लोगों का गुण है॥

Meaning -

         Men become afraid of seeing any upcoming trouble; but it is the quality of  wise people as they face the trouble, they show their power patiently.

सुभाषितम्(NOBLE THOUGHTS)

 अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविनः। चत्वारि तस्य बर्धन्ते आयुर्विद्यायशोबलम्॥(महर्षि मनुः)  अर्थ  -               प्रतिदिन नियमितरूपसे गुरु...