Tuesday, July 30, 2024

सुभाषितम् (NOBLE THOUGHTS)



पातितोऽपि कराघातैरुत्पतत्येव कन्दुकः।

प्रायेण हि सुवृतानामस्थायिन्यो विपत्तयः॥

अर्थात् - 

                    भूमिस्थ होने पर भी हाथ के आघात से गेन्द पुनः उपर उठ जाता है। उसी प्रकार उत्तम चरित्रवान् व्यक्तियों के विपत्तियां प्रायशः अस्थायी होते हैं॥

Meaning -

        As being on the ground, the ball goes up again by the striking of hands.  Similarly adversities/misfortunes of the well-behaved/virtuous persons are mostly not long lasting. 





No comments:

Post a Comment

सुभाषितम्(NOBLE THOUGHTS)

 अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविनः। चत्वारि तस्य बर्धन्ते आयुर्विद्यायशोबलम्॥(महर्षि मनुः)  अर्थ  -               प्रतिदिन नियमितरूपसे गुरु...