* दिनान्ते च पिवेत् दुग्धं निशान्ते च पिवेत् पयः।
भोजनान्ते पिवेत्तक्रं किं वैद्येन प्रयोजनम्॥
अर्थात् -
दिन के अन्त(रात) में दुध पीना चाहीए, रात्रि के अवसान(सुबह) में पानी पीना चाहीए और भोजन के बाद छाछ पीना चाहीए। एसे करने से व्यक्ति का वैद्य का आवश्यक नहीं होता है।
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