Wednesday, July 31, 2024

सुभाषितम्(NOBLE THOUGHTS)



 अत्यम्वुपानान्न विपच्यतेऽन्न

मनम्वुपानाच्च स एव दोषः।

तस्मान्नरो वन्हिविवर्धनार्थं

मुहुर्मुहुुर्वारि पिवेदभूरि॥


अर्थात् - 

          अधिक जल पिने से भोजन नहीं पचता है। पानी बिलकुल न पीने पर भी वही दोष होता है। इसलिए व्यक्ति भोजन पचाने के क्षमता की(/उदराग्नि के) वृद्धि के लिए बार बार थोडा थोडा पानी पीना चाहीये।

Meaning   -

          By drinking more water food does not get digested. Similar situation arises when you don't drink water . So one should drink water little by little every now and then to improve the digestive capacity.


1 comment:

सुभाषितम्(NOBLE THOUGHTS)

 अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविनः। चत्वारि तस्य बर्धन्ते आयुर्विद्यायशोबलम्॥(महर्षि मनुः)  अर्थ  -               प्रतिदिन नियमितरूपसे गुरु...