* किमत्र चित्रं यत् सन्तः परानुग्रह तत्पराः। न ही स्वदेहशैत्याय जायन्ते चन्दनद्रुमाः॥
अर्थात् -
सज्जन व्यक्ति दुसरों को दया दिखाने ने के लिए(अथवा अनुग्रह करने के लिए) सर्वदा तत्पर(प्रस्तुत) रहते हैं, इसमें आश्चर्य क्या है! चन्दन वृक्ष अपने शरीर(स्वयं)को ही शीतल(ठंडा)करने के लिए उत्पन्न नहीं होते हैं॥
Meaning -
Learned persons always eager/ready to be kind to others, what is surprising in this! All the sandalwood trees are not produced / generated to cold themselves.
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